Fear Aur Dar Ko Kaise Jeetein – Tantrik Upay & Divya Sadhana Things To Know Before You Buy
जब हमें डर लगता है वास्तव में उसके पीछे कोई न कोई कारण जरूर होता है एक आम रूप में डर (भय) लगना स्वाभाविक है जिसे बच्चे, बूढ़े, नवजवान यहां तक अन्य जीव-जंतुओं में भी डर की प्रतिक्रियाए देखने को मिलती है
आपको खुद पर इतना भरोसा होना चाहिए की आप किसी भी समस्या से निपटने में काबिल हैं. आप कमजोर नहीं हैं, डर आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता.
तो इसके लिए हमें अपने आपमें कुछ बदलाव करने होंगे. हमारे रहन सहन और दिनचर्या और आदतों पर पर ध्यान देना होगा और कुछ नए फैसले लेने होंगे.
हालांकि अपने डर को कम करना और इस पर जीत पाना एक स्किल है जिसे कोई भी सीख सकता है लेकिन समस्या यह है कि ज्यादातर लोग अपने डर को अपने अंदर बिठा लेते हैं, क्योंकि वो मानने लगते हैं कि यह उनका ही एक हिस्सा है। अगर आप अपने डर का सामना करने के लिए तैयार नहीं हैं, तो आप इसे दूर भी नहीं कर पाएंगे और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। हम जानते हैं हर चीज में समय लगता है।
समझें कि डर कभी अच्छा भी हो सकता है और इसके पॉज़िटिव और प्रोटेक्टिव रूप को स्वीकार करें।
अपने अंदर के डर को कैसे दूर भगाएं? हम जिन चीजों में विश्वास रखते हैं। हमारे मानसिक अवधारणाएं, सोच विचार जिस तरह के होते हैं वहीं हमारी आदतों और कर्मो का निर्माण करते हैं, यानी अगर हम ये सोचे हमें इस चीज से डर लगता हैं तो संभवतः जरुर उससे आप भयभीत रहेंगे।
बिना नशा किये वो बहुत ज्यादा डरे डरे रहते हैं. उनके अन्दर पूरी तरह से डर बैठ चूका होता हैं. वहीँ जो लोग बिलकुल किसी तरह का नशा नहीं करते उनमें कहीं भी कुछ भी बोलने का साहस हमेशा रहता है.
डर एक ऐसी चीज है जिसे जितना पाले, पनाह देंगे, हमें उतना ही अपने चुंगल में समेटने लगता हैं। वक्त रहते यदि इस डर का इलाज नहीं किया जाए तो व्यक्ति धीरे-धीरे लेकिन बहुत छोटी छोटी बातों से भी घबरा कर चिंतित परेशान रहने लगता है, जैसे किसी बहुत बड़ी समस्या ने उसे घेर लिया है।
तो डर को दूर भगाने के लिए आपको खुद पर भरोसा करना ही होगा, हिम्मत करनी ही होगी. देखना एक बार आपका डर खुल गया तो आप पूरी तरह से निडर होकर जियेंगे.
मौत एक ऐसी सच्चाई है जिससे कोई नहीं बच पाया. ऐसा तो होगा नहीं की कई लोग तो इससे बच गए, पर आप नहीं बच पाएंगे? फिर किस बात की घबराहट भाई?
पोस्ट की शुरुआत में ही हमने आपको बताया था की डर कभी भी आपसे ज्यादा ताकतवर नहीं होता. बस हमें ये चीज़ समझने की जरूरत होती है.
छोटे-छोटे कदमों में अपने डर के सामने खड़े हों।
डर के प्रकार – जानिए कौन-से डर आपको रोकते हैं
वहां उसके साथ कुछ ऐसी बातें हो जाती हैं, या ऐसे more info काम हो जाते हैं या उसके आस पास ऐसे वाकये हो जाते हैं जिससे धीरे धीरे उसका डर बढ़ता चला जाता है.